समाज | एक अलग नज़रिया | 3-मिनट में पढ़ें
देह के शिकारियों के लिए दिल्ली महिला आयोग अध्यक्ष का महिला होना काफी है
स्वाति मालीवाल के साथ बदसलूकी हुई है और इसमें हैरान होने वाली कोई बात नहीं है, क्योंकि आखिरकार हैं तो वे एक लड़की ही. क्योंकि छे़ड़खानी करने वालों को लगता है कि लड़की है तो छेड़ा जा सकता है...लड़की है क्या कर लेगी? लड़की है मतलब कमजोर है? लड़की है कहां जाएगी?
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लिव इन की एक और कहानी लड़की के 50 टुकड़े पर आकर खत्म हुई!
झारखंड के साहिबगंज में 22 साल की आदिवासी लड़की रुबिका पहाड़िया को 25 साल के मुस्लिम लड़के दिलदार अंसारी से प्यार हो गया. रुबिका अपने परिवार के खिलाफ जाकर उसके साथ रहने लगी, दोनों ने डेढ़ महीने पहले शादी की और अब रूबिका का शव 50 टुकड़ों में मिला है.
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लड़कियों तुम्हारे लिए ये दुनिया नर्क है, इसलिए अपने आस-पास एक घेरा बना लो
बिहार में एक 14 साल की लड़की का रेप हो रहा था. तीन लड़के वहीं थोड़ी दूरी पर खड़े होकर यह सब देख रहे थे. आवाज सुनकर हेडमास्टर सुरेंद्र कुमार भास्कर वहां पहुंचा. हेडमास्टर को देख लड़के भाग गए. लड़की को लगा कि वह उसे बचा लेगा मगर हेडमास्टर ने भी उसके साथ रेप किया...जब रक्षक ही भक्षक बन जाएं तो इंसान किस पर भरोसा करे?
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समाज | एक अलग नज़रिया | 5-मिनट में पढ़ें
लाइगर का 'आफत' गाना, एक रोमांटिक गाने में 'रेप फैंटासी' क्यों?
लाइगर फिल्म का गाना 'आफत' बलात्कार संस्कृति को ऐसे सजा कर पेश कर रहा है, जैसे यह कितनी सामान्य सी बात है... इस गाने की एक लाइन ऐसी है जो बॉलीवुड के उस दौर में ले जाती है, जब फिल्मों में मजबूर महिला खुद को बचाने के लिए रेपिस्ट के सामने हांथ जोड़कर गुहार लगाती है कि 'भगवान के लिए मुझे छोड़ दो..'
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घर में बाप, भाई ही बलात्कार पर उतर आएं तो बेटियां कहां जाएं?
जब कोई किसी लड़की को गंदी नज़रों से देखता है तब लड़की भाग कर अपने पिता के साये में जा खड़ी होती है. पिता न हो तो बड़ा भाई पिता बन कर बहन की रक्षा करता है. लेकिन तब क्या जब एक पिता ही लगातार दो साल तक अपनी बेटी का बलात्कार करे? और पिता को देख भाई भी वही करने लगे?
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